लखनऊ। भाजपा से टिकट कटने से नाराज जिन पार्षदों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा, उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। (Nikay chunav) पिछले चुनाव में कई लोग बागी होकर चुनाव लड़े थे और जीते भी थे, लेकिन इस बार जो बागी हुए वह अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी से हार गए।
दिलीप श्रीवास्तव मैथिलीशरण गुप्त वार्ड से 2012 में पहली बार और 2017 में दूसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। इस बार उनका टिकट पार्टी ने काट दिया। इसके बाद भी वह निर्दलीय लड़ गए। उनका कहना था कि विधायक ने उनका टिकट कटवा दिया। ऐसे में वह चुनाव जरूर लड़ेंगे। पार्टी की बात नहीं मानी तो उन्हें छह साल के लिए पार्टी से मतदान से पहले निष्कासित कर दिया गया। परिणाम आए तो वह चुनाव हार गए।
प्रत्याशी चयन में देरी ने रोकी साइकिल की रफ्तार : अखिलेश
महाकवि जयशंकर प्रसाद वार्ड से पिछले 20 साल से भाजपा के सुरेश चंद्र अवस्थी चुनाव जीत रहे थे। इस बार उनका टिकट काट दिया। इसको लेकर उन्होंने क्षेत्रीय विधायक पर आरोप लगाया कि उनके कारण टिकट कटा।
टिकट कटने के बाद भी उन्होंने निर्दलीय नामांकन कर दिया और पार्टी के निर्णय के खिलाफ चुनाव लड़े। इनको भी मतदान से ठीक पहले पार्टी ने निकाल दिया, जिसका असर हुआ और सुरेश (Nikay chunav) चुनाव हार गए। फैजुल्लागंज द्वितीय वार्ड से पिछली बार अमित मौर्या पार्षद बने थे। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। उसके बाद भी उन्होंने अपनी मां को चुनाव लड़ाया, लेकिन वह जीत नहीं पाईं।