चुनाव के दौरान वोटर पास, अब नेताओं की सियासी परीक्षा

कन्नौज। (Nikay chunav) कभी समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे कन्नौज में अब भाजपा का कब्जा है। लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में सपा को पटखनी देकर क्लीन स्वीप करने वाली भाजपा ने पंचायत चुनाव के दौरान ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भी लपक ली थी। अब बारी निकाय चुनाव की है। चूंकि वोटरों ने अपना फैसला सुना दिया है। उन्हें किसके नसीब पर अपनी रजमंदी का ठप्पा लगा है।

यह तो बैलेट बॉक्स में कैद हो गया है, लेकिन यह तय है कि 13 मई को जब पिटारा खुलेगा, तो उसमें से निकलने वाला सियासी संदेश सूबे की राजधानी लखनऊ और देश की राजधानी दिल्ली तक जाएगा। (Nikay chunav) किस नेता का कितना जादू वोटर पर चला या किस नेता की बातों और वादों को जनता ने नकार दिया इससे भी बहुत कुछ साफ होगा। लोकसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले के इस सियासी परीक्षा में पास होने के लिए नेता भी प्रार्थना कर रहे हैं।

बिल्हौर नगर पालिका के तीन बूथों पर पुनर्मतदान जारी 

पिछले चुनाव में जिले में भाजपा बहुत ज्यादा कमाल नहीं कर सकी थी। (Nikay chunav) छिबरामऊ नगर पालिका और सौरिख नगर पंचायत में ही उसके टिकट पर खड़े हुए उम्मीदवारों को जीत मिली थी। सदर में भाजपा की काफी किरकिरी हुई थी। 2012 में सदर सीट जीतने वाली भाजपा सूबे की सत्ता में होते हुए भी 2017 में सदर सीट पर चौथे नंबर पर रही थी।

बसपा को गुरसहायगंज नगर पालिका और समधन नगर पंचायत में कामयाबी मिली थी। सपा का किसी सीट पर खाता भी नहीं खुला था। कन्नौज, तालग्राम, सिकंदरपुर, तिर्वा में निर्दलीय उम्मीदवारों ने सियासी पार्टियों को पटखनी देकर जीत हासिल की थी। अब इस बार जनता ने क्या संदेश दिया है, यह 13 मई को साफ होगा। साथ राजनैतिक पार्टियों का भविष्य भी तय होगा।

जिले की आठ सीट में से सदर नगर पालिका की सीट पर खूब सियासी गदर हुआ। यहां एक-दूसरे से आगे निकलने के लिए सियासी पार्टियों ने खूब तिकड़म किया। इस सीट पर कब्जे के लिए भाजपा ने अपने ही गुट से छिटके निर्दलीय उम्मीदवार को वोटिंग से ठीक 24 घंटे पहले अपने पाले में करके बढ़त लेने की कोशिश की। उसे बसपा के साथ ही पिछली बार की तरह निर्दलीय उम्मीदवार से ही कड़ी टक्कर होती दिख रही है।

सियासी जानकार यह भी कह रहे हैं कि कन्नौज नगर पालिका के नई परिसीमन के तहत नए इलाकों के शामिल होने से कईयों का समीकरण ही गड़बड़ा गया है। (Nikay chunav) नए इलाकों के वोटर का साथ हासिल करने के लिए कोशिश सभी ने की, लेकिन वहां से निकला सियासी संदेश ने कईयों के चेहरे की हवाईयां उड़ा रखी हैं। लोगों की जुबान पर भी शहर में शामिल नए इलाकों के वोटर की गतिविधियों की चर्चा रही।

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