लखनऊ। (Nikay Chunav) भाजपा और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दल हों या सपा और बसपा जैसी क्षेत्रीय पार्टियां, विडंबना देखिए कि इनमें से कोई भी पार्टी निकाय चुनाव में सभी सीटों पर उम्मीदवार ही खड़े नहीं कर सकी। किसी को प्रत्याशी ही नहीं मिले। बहुतों के पर्चे खारिज हो गए और कुछ चुनाव मैदान से ही हट गए। हालांकि प्रत्याशी खड़े करने के मामले में भाजपा पहले, सपा दूसरे और बसपा तीसरे स्थान पर रही। जबकि कांग्रेस इस उम्मीदवार उतारने के मामले में भी चौथे पायदान पर खिसक गई।
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प्रदेश में 14684 सीटों पर निकाय चुनाव हो रहे हैं। इसमें 17 नगर निगम के मेयर और 1420 पार्षद, नगर पालिकाओं के 199 अध्यक्ष और 5327 सभासदों के अलावा नगर पंचायतों के 544 चेयरमैन और 7178 सभासदों के पद शामिल हैं। (Nikay Chunav) पहले चरण में 7678 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। अब दूसरे चरण में 7006 सीटों पर आगामी 11 मई को मतदान होना है।
भाजपा के सबसे ज्यादा लड़ाके खास बात यह है कि दूसरे चरण की इन 7006 सीटों पर कोई भी दल प्रत्याशी नहीं उतार सका। इस चरण में सबसे ज्यादा 5111 उम्मीदवार भाजपा ने उतारे हैं। इनमें 2035 महिला और 3076 पुरुष शामिल हैं। दूसरे नंबर पर सपा है जिसने 2411 सीट पर प्रत्याशी दिए हैं, जिसमें 1038 महिला और 1373 पुरुष हैं। बसपा 1818 प्रत्याशी उतारकर तीसरे स्थान पर है। इनमें 793 महिला और 1025 पुरुष हैं। कांग्रेस ने महज 1402 सीटों पर ही प्रत्याशी खड़े किए हैं, जिसमें 579 महिला और 823 पुरुष उम्मीदवार शामिल हैं।
बड़ी संख्या में निर्दलियों का जीतना तय केवल दूसरे चरण की बात करें तो विभिन्न पदों पर करीब 26 हजार निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। (Nikay Chunav) जब बड़े दल प्रत्याशी नहीं दे सके तब जाहिर है बड़ी संख्या में निर्दलियों का जीतना तय है।
कमोवेश कुछ ऐसे ही हालात पहले चरण के भी रहे हैं। (Nikay Chunav) पहले चरण की 7678 सीटों की बात करें तो भाजपा ने 5647, सपा ने 2820, बसपा ने 1969 और कांग्रेस ने 1592 सीटों पर ही प्रत्याशी उतारे थे। जिन सीटों पर दलों को प्रत्याशी नहीं मिले, उनमें सर्वाधिक नगर पालिका और नगर पंचायतों के सभासदों की हैं।