लखनऊ। (Nikay chunav) यूपी निकाय चुनाव में एक तरफ जहां भाजपा के सामने अपनी सीटें बचाने की चुनौती है तो दूसरी तरफ सपा-रालोद गठबंधन की परीक्षा भी होने जा रही है। सपा-रालोद गठबंधन का असर सबसे ज्यादा पश्चिमी यूपी में है। ऐसे में सभी नजरें पश्चिमी यूपी के जिलों पर टिकी है। अखिलेश ने भी अब पश्चिमी यूपी का रुख किया है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण के साथ रोड शो करने वाले हैं। भाजपा की तरफ से सीएम योगी और दोनों डिप्टी सीएम के साथ ही राज्य और केंद्र सरकार के कई मंत्री प्रचार में लगे हैं। बसपा की तरफ से कई पूर्व मंत्रियों को लगाया गया है। आइये जानें अलग अलग जिलों में क्या है इस समय समीकरण।
मेरठ में नगर निगम के अलावा दो नगर पालिका और 13 नगर पंचायते हैं। यहां पर भाजपा की तरफ से 11 वरिष्ठ नेताओं को लगाया गया है। इन सभी नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। (Nikay chunav) राज्य मंत्री दिनेश खटीक और ऊर्जा राज्यमंत्री डॉक्टर सोमेंद्र तोमर के अलावा चार सांसद, तीन विधायक और तीन एमएलसी प्रचार अभियान में ताकत झोंके हुए हैं। विधानसभा चुनाव हार चुके संगीत सोम भी प्रचार में लगे हैं।
नगर निकाय चुनाव के पहले चरण में कड़े सुरक्षा बंदोबस्त
जैसे पूरब में गोरखपुर का स्थान है उसी तरह भाजपा के लिए इस समय पश्चिम में मुरादाबाद बन गया है। गोरखपुर से सीएम योगी हैं तो मुरादाबाद से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी हैं। ऐसे में मुरादाबाद में भाजपा की प्रतिष्ठा भूपेंद्र चौधरी से भी जुड़ गई है। इसके अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यपाल सैनी भी यहीं से हैं। भाजपा ने विनोद अग्रवाल को मैदान में उतारा है। (Nikay chunav) सपा की तरफ से हाजी रईसुद्दीन प्रत्याशी हैं। कांग्रेस ने भी मुस्लिम प्रत्याशी हाजी रिजवान को मैदान में उतारा है। इससे भाजपा की उम्मीदे बढ़ी हुई हैं।
सहारनपुर में भी मुरादाबाद जैसी स्थितियां हैं। यहां बसपा और सपा दोनों ने मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। यहां नगर निगम के साथ 11 नगर निकाय हैं। यहां राज्य मंत्री कुंवर ब्रिजेश सिंह और राज्य मंत्री जसवंत सैनी सहित पांच विधायक लगातार प्रचार में जुटे हैं। यहां भाजपा ने डा. अजय कुमार सिंह पर दांव लगाया है। (Nikay chunav) बसपा से खदीजा मसूद और सपा से नूर हसन मलिक उतरे हैं। खदीजा इमरान मसूद की भाभी हैं तो नूर विधायक आशू मलिक के भाई हैं। फिलहाल तो भाजपा से बसपा की टक्कर मानी जा रही है। इमरान मसूद के बसपा में जाने से मुस्लिमों का फायदा मिलता दिख रहा है।
मुजफ्फरनगर और बागपत में भी भाजपा के मंत्रियों की परीक्षा हो रही है। मुजफ्फरनगर में केंद्रीय राज्य मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान और राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। (Nikay chunav) बागपत में पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद डॉ सत्यपाल सिंह, राज्य मंत्री केपी मलिक और एक विधायक की परीक्षा हो रही है।
शामली में बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहित बेनीवाल और कैराना से सांसद प्रदीप चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर है। बीजेपी मान रही है कि यहां उसका किसी से मुकाबला नहीं है। हालांकि सपा और बसपा ने भी तोकत झोंक रखी है। (Nikay chunav) सपा के साथ रालोद के नेता भी लगे हुए हैं।
गाजियाबाद में केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप, विधायक नंदकिशोर गुर्जर सहित पांच विधायकों पर भाजपा प्रत्याशियों को जीत दिलाने की जिम्मेदारी है। इस इलाके में सपा और बसपा के साथ ही दिल्ली से सटा होने के कारण आम आदमी पार्टी को भी उम्मीदें नगर आ रही हैं। (Nikay chunav) बिजनौर भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह का गृह जनपद है। यही से पूर्व मंत्री अशोक कटारिया और चार विधायक भी हैं। बुलंदशहर में प्रदेश मंत्री डॉक्टर चंद्र मोहन, प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि, पूर्व मंत्री अनिल शर्मा सहित सात विधायकों हैं।