लखनऊ। (Nikay chunav) यूपी निकाय चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं। एक तरफ भाजपा से उन्हें मुकाबला करना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ अपने ही कई नेताओं के बगावत को संभालना हो रहा है। कई जिलों में सपा के वरिष्ठ नेताओं ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है। भाजपा ने तो ऐसे सैकड़ों नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सपा यह कदम उठाने में भी हिचक रही है। इससे बागी हो गए नेताओं के कद का अंदाजा आराम से लगाया जा सकता है। (Nikay chunav) सपा को लगता है कि इन लोगों पर कार्रवाई से आने वाले लोकसभा चुनाव में सपा को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
अखिलेश यादव के लिए परेशानी का सबब बने नेताओं में सबसे बड़ा नाम सांसद शफीकुर्रहमान बर्क का है। (Nikay chunav) सांसद बर्क के साथ ही उनके विधायक बेटे जियाउर रहमान ने सपा प्रत्याशी के विरोध का झंडा बुलंद कर रखा है। पिता-पुत्र यहां पर एक निर्दलीय उम्मीदवार को चुनाव लड़ा रहे हैं।
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संभल नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद पर इकबाल महमूद की पत्नी रुखसाना इकबाल को मैदान में उतारा गया है। पूर्व विधायक इकबाल और सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के बीच लंबे समय विवाद रहा है। (Nikay chunav) इस वजह से सांसद बर्क ने पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दल उम्मीदवार के तौर पर फरहाना यासीन को उतार दिया है।
इसी तरह बलिया में सपा और अखिलेश को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। यहां तो सपा के दो-दो बड़े नेताओं ने बगावत कर रखी है। एक तरफ सिकंदरपुर से विधायक जियाउद्दीन रिजवी ने भीष्म यादव निर्दल मैदान में उतारकर सपा प्रत्याशी दिनेश चौधरी का विरोध कर रहे हैं।
दूसरी तरफ अब पूर्व मंत्री नारद राय बागी हो गए हैं। (Nikay chunav) उन्होंने भी सपा की जगह निर्दलीय का समर्थन कर दिया है। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार संजय उपाध्याय को समर्थन दे दिया है। जबकि सपा के ओर से लक्ष्णण गुप्ता को मैदान में उतारा गया है। इसके अलावा भी कई जिलों में इसी तरह से सपा को परेशानी झेलनी हो रही है।