लखनऊ। (Nikay chunav) यूपी निकाय चुनाव मेें सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बार बड़ा दांव खेला है। उन्होंने मेयर के लिए गैर यादव नेताओं पर विश्वास जताया है। यह दांव कितना सफल होता है यह तो 13 मई को निकाय चुनाव रिजल्ट के बाद ही पता चलेगा। इस बीच फर्रुखाबाद में सात बार विधायक रहे नरेन्द्र सिंह यादव ने भाजपा ज्वाइन कर ली। उन्हें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक सदस्यता दिलाई।
नरेंद्र सिंह यादव के साथ उनकी बेटी और जिला पंचायत अध्यक्ष मोना यादव और बेटे सचिन यादव ने भी समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ले ली है। नरेंद्र सिंह यादव की सैफई परिवार से रिश्तेदारी भी रही है। (Nikay chunav) नरेंद्र यादव मुलायम सिंह यादव के खास लोगों में गिने जाते रहे। वह यदुकुल पुनर्जागरण मिशन से भी जुड़े रहे और शिवपाल सिंह यादव ने उन्हें मिशन में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी।
Nikay chunav : चेयरमैन प्रत्याशियों से अधिक शिक्षित हैं सभासद उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने एक प्रयोग के तौर पर यादव नेताओं की जगह अन्य जातियों को मेयर के लिए उतारा है। यादव नेताओं के भाजपा ज्वाइन करने से ऐसा लगता है कि कहीं अखिलेश का दांव उल्टा न पड़ जाए।
हालांकि अखिलेश यादव अपनी सपा सरकार के दौरान भी मेयर की कोई सीट नहीं जीता सके थे। इस बार भी भाजपा और सीएम योगी की तुलना में अखिलेश यादव प्रचार में दिखाई नहीं दे रहे हैं। पिछले दो दिनों से ही वह एक्टिव हुए हैं। (Nikay chunav) गोरखपुर और संतकबीर नगर में दौरे और जनसभा हुई है। अब लखनऊ में मेट्रो की सवारी के साथ युवाओं से संवाद और रोड शो का कार्यक्रम है। सहारनपुर में भी रोड शो करने वाले हैं।