Nikay chunav: पार्षदों की संख्या बढ़ाने पर जुटी भाजपा

 लखनऊ। भाजपा बागियों की मदद से मेयर पद की लड़ाई को और मजबूती से लड़ने की कोशिश में है। (nikay chunav) वहीं नगर निगम सदन में पार्टी के पार्षदों की संख्या बढ़ाने की चुनौती भी भाजपा संगठन के सामने है। इसके लिए जहां दूसरी पार्टियों के पार्षदों को भाजपा में शामिल कराया गया है। वहीं वोट बैंक वाले नेताओं को भी चुनाव से ठीक पहले भाजपा में जगह दी गई है।

लखनऊ नगर निगम सदन में भाजपा के 58 पार्षद मौजूदा समय में थे। 2017 में हुए चुनाव के बाद 14 पार्षद 2012 की तुलना में बढ़े थे। भाजपा के सामने इस बार संख्या को बढ़ाने की चुनौती होगी। इसके लिए भाजपा संगठन भी प्रयास में है। यही वजह है कि कांग्रेस के लंबे समय तक पार्षद रहे गिरीश चंद्र मिश्रा को पार्टी में 17 अप्रैल को शामिल कराया गया था। वहीं उनकी पत्नी को सरदार पटेल-रामजी लाल वार्ड से टिकट दे दिया गया।

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इसी तरह इस बार परिसीमन में खत्म हुए हरदीनराय वार्ड के पार्षद अजय दीक्षित को भी कांग्रेस से भाजपा में लाया गया। एक और दांव सपा से विधानसभा चुनाव 2022 में लड़ चुके सुरेंद्र सिंह उर्फ राजू गांधी पर लगाया गया। उनकी पत्नी वर्तमान में चारबाग से पार्षद हैं। इसी तरह मोतीलाल नेहरू वार्ड के पार्षद चरनजीत गांधी को भी भाजपा में शामिल कराया गया। (nikay chunav) सपा के पार्षद तारा चंद रावत व उनकी पत्नी व जिला पंचायत सदस्य पलक रावत को भी भाजपा में शामिल किया जा चुका है। प्रसपा के पूर्व पार्षद अजय अवस्थी बंटी भी अब भाजपा में हैं। इसके पीछे भाजपा संगठन का उद्देश्य चुनाव में खुद और मजबूत बनाना है।

भाजपा संगठन से जुड़े एक नेता ने बताया कि इन पार्षदों के जुड़ने से मेयर प्रत्याशी को मिलने वाले वोट पर भी प्रभाव आएगा। सपा से आए अजय त्रिपाठी मुन्ना के अलावा कांग्रेस से आए दिलप्रीत सिंह का भी अपना वोट बैंक है, जोकि भाजपा के प्रत्याशी के लिए शिफ्ट होगा। अजय त्रिपाठी मुन्ना नए शामिल होने वाले इलाकों में जहां पकड़ रखते हैं। वहीं व्यापारी वर्ग में भी उनकी पकड़ है। (nikay chunav) 2012 के चुनाव में उन्हें निर्दलीय मेयर प्रत्याशी के तौर पर करीब 24 हजार वोट मिले थे। 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए सपा के वह प्रभारी भी रहे। दिलप्रीत सिंह डीपी भी कैंट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और अच्छे वोट पाए थे।

2017 में मेयर के लिए भाजपा की प्रत्याशी संयुक्ता भाटिया 1.30 लाख वोट से सपा प्रत्याशी मीरा वर्धन से जीतीं।
2012 में मेयर के लिए भाजपा के प्रत्याशी डॉ. दिनेश शर्मा एक लाख वोट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. नीरज बोरा से जीते, अब डॉ. बोरा भाजपा के टिकट पर विधायक हैं।

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