लखनऊ। निकाय चुनाव (nikay chunav) में भाजपा ने परिवारवाद से दूरी बनाते हुए सामान्य कार्यकर्ताओं को चुनाव की धुरी बनाया है। पहले चरण के दस निगमों के घोषित महापौर प्रत्याशियों में किसी सांसद, विधायक या मंत्री के परिवार के सदस्य को टिकट नहीं दिया गया है। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आधी आबादी को भी पूरी भागीदारी दी गई है। सामान्य सीटों पर पिछड़े वर्ग के प्रत्याशियों को उतारकर पिछड़े वोटबैंक को साधे रखने का प्रयास भी किया गया है।
पार्टी ने सामान्य कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए जहां उन्हें मौका दिया है, वहीं पुराने नेताओं की भी सुध ली है। (nikay chunav) लखनऊ नगर निगम में राजनीतिक घरानों के दिग्गज चेहरों को लेकर काफी चर्चा थी, लेकिन प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुषमा खर्कवाल को प्रत्याशी बनाया है। प्रयागराज में मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी की पत्नी अभिलाषा का टिकट काटकर वहां के महानगर अध्यक्ष उमेश चंद्र गणेश केसरवानी को टिकट दिया है। मथुरा-वृंदावन में भी दिग्गज दावेदारों को दरकिनार कर महानगर अध्यक्ष विनोद अग्रवाल को मौका दिया गया है। आगरा में पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर और झांसी में पूर्व विधायक बिहारीलाल आर्य को प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने संदेश दिया है कि पुराने जमीनी नेताओं की भी उसे चिंता है।
nikay chunav : भाजपा ने पहले चरण के उम्मीदवार किए घोषित
भाजपा ने महापौर के घोषित 10 प्रत्याशियों में तीन वैश्य, दो ब्राह्मण, एक कुर्मी, एक तेली, एक कोरी, एक धोबी और एक कायस्थ को प्रत्याशी बनाकर सामाजिक समीकरण भी साधा है। प्रयागराज से उमेश चंद्र गणेश केसरवानी, मुरादाबाद से विनोद अग्रवाल और मथुरा-वृंदावन से विनोद अग्रवाल को प्रत्याशी बनाकर वैश्य समाज को साधा है। वाराणसी से अशोक तिवारी और लखनऊ से सुषमा खर्कवाल (पहाड़ी ब्राह्मण) को टिकट दिया है। (nikay chunav) पार्टी ने गोरखपुर से कायस्थ समाज के डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाकर कायस्थ समाज को साधने की कोशिश की है।
प्रदेश कार्यकारिणी में कायस्थ समाज को महत्वपूर्ण पद नहीं मिलने से समाज में असंतोष था। अपने परंपरागत वोट बैंक कुर्मी समाज (पिछड़ा वर्ग) को साधने के लिए सहारनपुर से कुर्मी समाज के अजय कुमार को टिकट दिया है। दलित वर्ग को सहेजने के लिए आगरा में हेमलता दिवाकर (धोबी) को प्रत्याशी बनाया है। हेमलता के जरिए पार्टी ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं। हेमलता का विवाह कुशवाह समाज में हुआ है, लिहाजा पिछड़े वर्ग के वोट बैंक का भी लाभ मिलेगा। झांसी में कोरी समाज के बिहारीलाल आर्य को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, फिरोजाबाद में तेली समाज की कामिनी राठौर को प्रत्याशी बनाया है।
(nikay chunav) निकाय चुनाव के जरिए भाजपा ने आधी आबादी के साथ पिछड़ों को साधने का प्रयास किया है। सामाजिक समीकरण साधने के लिए अनारक्षित वर्ग की सीटों पर भी पिछड़े वर्ग के प्रत्याशी उतारे हैं। पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद पर 45 फीसदी तक महिलाओं को मौका दिया गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव से लेकर 2022 विधानसभा चुनाव तक में भाजपा को मिली जीत में पिछड़े वर्ग की बड़ी भूमिका रही है। निकाय आरक्षण विवाद के मद्देनजर पार्टी ने पिछड़े वर्ग में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए तय रणनीति के तहत पालिका व पंचायत अध्यक्षों से लेकर सभासद में अनारक्षित वर्ग की सीटों पर भी पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को मौका दिया है। अवध क्षेत्र में ही बलरामपुर, श्रावस्ती, सीतापुर, उन्नाव और लखीमपुर में सामान्य वर्ग की सीटों पर पिछड़े वर्ग से गुप्ता, साहू, जायसवाल, लोधी, कुर्मी, समाज के प्रत्याशियों को टिकट दिए गए हैं।
पार्टी के घोषित 99 नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में 43 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया गया है। अनारक्षित सीटों पर भी महिलाओं को मौका दिया गया है। अवध क्षेत्र में 28 में से 13, पश्चिम क्षेत्र में 33 में से 12, गोरखपुर क्षेत्र में 6 में से 3, कानपुर क्षेत्र में 12 में से 5, काशी क्षेत्र में 10 में से 5 और ब्रज क्षेत्र में 10 में से पांच पालिकाओं में अध्यक्ष पद पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भी बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि नगर निगमों के घोषित दस प्रत्याशियों में महिलाओं के लिए आरक्षित तीन सीटों पर ही टिकट दिया गया है। पार्टी ने मुस्लिम प्रत्याशियों पर भी विश्वास जताया है। तीन पालिकाओं में अध्यक्ष पद पर मुस्लिमों को टिकट दिया गया है। अवध, पश्चिम सहित अन्य क्षेत्रों में नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भी मुस्लिम प्रत्याशी उतारे गए हैं।