गोरखपुर नगर निगम (nikay chunav) के मेयर पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर समाजवादी पार्टी ने भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद पर दांव खेला है। बुधवार की देर शाम पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में ही नहीं बल्कि गोरखपुर से लेकर लखनऊ तक पूरे सियासी गलियारे में काजल के नाम को लेकर चर्चा गरमाई रही।
खुद पार्टी के कई नेताओं को काजल के उम्मीदवार बनने से झटका लगा है। सीट सामान्य होने की वजह से सभी को उम्मीद थी कि उम्मीदवार भी सामने वर्ग का ही होगा। मगर, जातिगत गणित में फिट बैठने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने काजल पर दांव लगाया। काजल 2012 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर ग्रामीण तो 2022 में सपा की ओर से कैंपियरगंज विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी हैं। हालांकि उन्हें दोनों ही बार शिकस्त का सामना करना पड़ा।
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करीब सप्ताह भर पहले पूर्व मंत्री व जिले के प्रभारी राममूर्ति वर्मा और विधायक संग्राम सिंह यादव के नेतृत्व में हुई गोपनीय बैठक में मेयर पद के लिए पांच नामों का चयन किया गया था। इसमें एक ठाकुर, दूसरे ब्राह्मण, तीसरे कायस्थ वर्ग के नेता का नाम शामिल था। इसमें भोजपुरी अभिनेत्री का नाम नहीं था। मगर, बुधवार को लखनऊ में हुई शीर्ष नेतृत्व की बैठक के दौरान यह नाम अचानक से प्रस्तावित किया गया। उधर, पहली बार गोरखपुर मेयर का सीट सामान्य होने की वजह से यहां के कई पार्टी नेताओं को मौका मिलने की काफी उम्मीद बंधी थी। मगर अचानक आए इस नाम से सभी को झटका लगा है।
दरअसल में निगम क्षेत्र में करीब 10.46 लाख वोटर हैं। इनमे एक बड़ी आबादी निषाद बिरादरी की भी है। मुस्लिम और यादव वोट पर पार्टी अपनी पकड़ मजबूत मानती है। (nikay chunav) पार्टी को उम्मीद है कि वह चिल्लूपार से 2022 के चुनाव में सपा प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार के जरिए ब्राह्मणों का भी बड़ा वोट बैंक अपनी तरफ खींचने में कामयाब होगी। वहीं ओबीसी के कुछ अन्य जातियों और व्यापारी वोटरों का भी साथ मिलने का सपा को पूरा उम्मीद है। बाकी, गोरखपुर में पहली बार अनुसूचित जाति के नेता को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप, सपा पहले ही इस जाति वर्ग के वोटरों में भी सेंध लगाने की कोशिश शुरू कर चुकी है।
अब पार्टी का जातिगत गुणा भाग कितना फिट बैठता है ये आने वाला समय ही बताएगा। पिछले चुनाव में सपा ने राहुल गुप्ता को उम्मीदवार बनाया था। (nikay chunav) उन्हें 75 हजार वोटरों से शिकस्त मिली थी। सदर तहसील क्षेत्र के भौआपार निवासी 41 वर्षीय काजल, इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है। अभिनय में उनकी खासी रुचि है, लिहाजा कम उम्र में ही वह फिल्म क्षेत्र में भाग्य आजमाने आ गईं।