इस बार के नगर निकाय चुनाव (nikay chunav) में बड़े शहरों के महापौर व पार्षद पद के उम्मीदवार ज्यादा खर्च कर पाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग पिछले साल अगस्त में महापौर, पार्षद, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के अध्यक्ष व सदस्य के पदों के चुनाव खर्च की सीमा बढ़ा दी है। बड़े शहरों में महापौर उम्मीदवार को चुनाव प्रचार में सिर्फ 40 लाख रुपये ही खर्च करने की अनुमति होगी।
इस बार इन पदों के उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र का मूल्य और जमानत राशि भी नए सिरे से तय कर दी गई है। (nikay chunav) राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार 80 या इससे ज्यादा वार्ड वाले नगर निगमों में महापौर पद के उम्मीदवार 40 लाख रुपये अपने चुनाव पर खर्च कर पाएंगे जबकि 2017 में हुए चुनाव में इस पद के लिए चुनाव खर्च सीमा 25 लाख रुपये थी।
अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली, मेरठ, लखनऊ और वाराणसी में खर्च कर सकेंगे 40 लाख
इस बार 17 में से 10 नगर निगम ऐसे होंगे, जहां महापौर पद के उम्मीदवार अपने चुनाव पर 40 लाख रुपये व्यय कर पाएंगे। यह नगर निगम हैं-अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली, मेरठ, लखनऊ और वाराणसी।
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इसी तरह 80 से कम वार्ड वाले नगर निगमों में महापौर पद के उम्मीदवार अपने चुनाव पर 35 लाख रुपये खर्च कर पाएंगे। (nikay chunav) यह नगर निगम हैं-अयोध्या, झांसी, फिरोजाबाद, मथुरा, मुरादाबाद, शाहजहांपुर व सहारनपुर। नगर निगमों के पार्षद पद के उम्मीदवार इस बार अपने चुनाव पर 3 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे जबकि पिछले चुनाव में यह खर्च सीमा 2 लाख रुपये थी।
चुनाव खर्च सीमा बढ़ने के साथ ही इस बार के निकाय चुनाव में धनबल, बाहुबल का दुरुपयोग रोकते हुए निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न करवाने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग अभी से सक्रिय हो गया है। (nikay chunav) चुनाव तैयारियों की शुरुआती बैठकों में ही राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने सभी जिलों के डीएम, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी आदि को निर्देश दिए हैं कि चुनाव खर्च की सीमा शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चत करवाने के लिए उड़नदस्तों को सक्रिय रखा जाएगा। यह उड़नदस्ते चुनाव लड़ने और लड़वाने वालों की गतिविधियों पर सतर्क निगाह रखेंगे। जिस दिन भी चुनाव की अधिसूचना जारी होगी उसी दिन से चुनाव आयोग राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की निगरानी शुरु करवा देगा। चुनाव आयोग इस बाबत जिलेवार पर्यवेक्षक भी तैनात करेगा।