लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उप्र राज्य स्थानीय निकाय (Niaky Chunav) समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC Commission Report) की रिपोर्ट को चार दिन में शहरी विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने आरक्षण अधिसूचना की प्रकाशित सूची पर आपत्तियां दर्ज कराने की तय मियाद को आगे न बढ़ाते हुए याची को गुरुवार 6 अप्रैल तक ही अपनी आपत्ति अपर महाधिवक्ता (एएजी) को सौंपने के लिए कहा। यह आदेश न्याय मूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने देते हुए आरक्षण अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका को निस्तारित कर दिया।
लखीमपुर खीरी निवासी विकास अग्रवाल की तरफ से दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई शुरू होने के साथ ही सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पीठ के समक्ष पेश की। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याची अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपनी आपत्ति एएजी को दे, जो इसे राज्य सरकार को भेजेंगे।
सरकार इस पर पूरी तरह से गौर करेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने राजनीतिक तौर पर मानी गई पिछड़ी जातियों की एक सूची भी याचिकाकर्ता को उपलब्ध करवाने का निर्देश देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।
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याचिका पर बीते बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याची के अधिवक्ता ने 30 मार्च को आरक्षित सीटों के लिए जारी अधिसूचना में लखीमपुर की नगर पंचायत निघासन की सीट आरक्षित किए जाने को चुनौती दी थी।
कहा था कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना ही सरकार ने आपत्ति दाखिल करने के लिए 6 अप्रैल की अंतिम तारीख तय कर दी है। ऐसे में आपत्ति दाखिल करने में परेशानी हो रही है। इसपर, कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा था।