लखनऊ। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने निर्देश दिए हैं कि निकाय चुनाव (Nikay Chunav) में होने वाले खर्च पर पैनी नजर रखें। यह देखा जाए कि उम्मीदवार कितना धन कहां खर्च कर रहे हैं। इसके लिए सभी जिलों में उड़न दस्ते गठित किए जाएं। वह बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर 38 जिलों के डीएम, एसएसपी व एसपी के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदान कर्मियों की नियुक्ति और उन्हें प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जोन व सेक्टरवार मजिस्ट्रेटों की तैनाती, निर्वाचन सामग्री की व्यवस्था, मतदान केंद्र व मतदान स्थलों की संवेदनशीलता, मतपेटियों, ईवीएम व स्ट्रांग रूम की पूरी सुरक्षा आदि को लेकर सभी तैयारियां कर ली जाएं। निरोधात्मक कार्रवाई के अलावा निर्वाचन में व्यवधान उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट की तामील करें।
अवैध हथियार रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने शस्त्र दुकानदारों के भौतिक सत्यापन के लिए कहा। मतदान के दिन जिलों की सीमा सील करने, प्रचार में बाहर से आए लोगों को जिले से बाहर करने और शराब की दुकानों को भी बंद करने के निर्देश भी दिए।
अधिकतम 40 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे महापौर प्रत्याशी
जिन नगर निगमों में वार्डों की संख्या 80 से ज्यादा वहां के महापौर प्रत्याशी 40 लाख रुपये और 80 से कम वार्ड वाले निगमों में महापौर के उम्मीदवार अधिकतम 35 लाख रुपये खर्च कर सकेंगे। पार्षद पद के प्रत्याशी तीन लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे।
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नगर पालिका परिषद के चेयरमैन पद के प्रत्याशी अधिकतम नौ लाख रुपये और सदस्य प्रत्याशी ढाई लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी अधिकतम ढाई लाख रुपये तो सदस्य 50 हजार रुपये तक खर्च कर सकेंगे।